साथ इज़्ज़त के गुज़र जाएं ये दिन.... । साथ इज़्ज़त के गुज़र जाएं ये दिन.... ।
अपनी जब बारी आयी जोश से पटरी पे कूद पड़े रेल के सामने आ खड़े अपनी जब बारी आयी जोश से पटरी पे कूद पड़े रेल के सामने आ खड़े
ऐ मेरी माँ, ऐ प्यारी माँ, खुदा से तेरे लिए क्या मांगू? तूने मुझको पैरों पे खडाया है, ऐ मेरी माँ, ऐ प्यारी माँ, खुदा से तेरे लिए क्या मांगू? तूने मुझको पैरों पे...
कोई अदृश्य शक्ति है जो डोर थामे हुए है और दुनिया थोड़ी ही सही जीने के काबिल बची हुई है कोई अदृश्य शक्ति है जो डोर थामे हुए है और दुनिया थोड़ी ही सही जीने के काबिल बची ह...
कि जहाँ हर तरफ हैवानियत है वहाँ अभी भी इंसानियत जिंदा है वरना इस जहां में हैवानियत क्या कुछ कम ... कि जहाँ हर तरफ हैवानियत है वहाँ अभी भी इंसानियत जिंदा है वरना इस जहां में ह...
मानवता हुई लापता क्या इन्सानियत भी सो गयी है। मानवता हुई लापता क्या इन्सानियत भी सो गयी है।